हम सब जानते है कि देश की आजादी के लिए सभी धर्म-जाति के लोगो ने मिलकर संघर्ष किया, कुछ बातें हैं जो आज भी हमारे निजी व सार्वजनिक जीवन के लिए बहुत जरुरी हैं, मैं समझ गया हूं कि वे बातें अच्छी भर नहीं हैं, बल्कि एक अच्छा व मानवीय जीवन जीने के लिए जरुरी भी है। मैं महसूस करता हूं कि अपने प्यारे भारतवर्ष को धार्मिक कट्टरता हिंसा से बचाने तथा इसे और अच्छा बनाने और एकता के लिए हमे अपने जीवन की लक्ष्मण रेखा खींचनी चाहिए जिसका हम कभी, किसी भी परिस्थिति में उल्लंघन नही करेंगे।
मैं आज से जीवनपर्यंत कोशिश करुंगा कि :-मैं किसी भी अन्य धर्म के व्यक्ति से धार्मिक जातिगत आधार पर नफ़रत नहीं करुंगा । बल्कि संविधान में दिए मूल्यों का आदर करुंगा।
मैं सद्भावना सेनानी बनने और कहलाने में गर्व का अनुभव करता हूं ।